ज़िंदगी एक मेला है फिर भी इंसान अकेला है दो दिन की जिंदगी हैं .. दो दिन जिना हैं .. आज हो या कल … खुद को खुद से ही संभलना हैं ..
ज़िंदगी भी शहर जैसी हो गई है रोशनी तो शहर मैं है फिर अंधेरा है
ज़िंदगी मैं हमेशा एक बात याद रखो सबकी सुनो लेकिन मन की करो और दिल से करो जब लोग बदल सकते है तो ये क़िस्मत क्या चीज़ है।
ज़िंदगी जीनी है ना अपने तरीक़े से जिओ यार प्रोग्राम से मसीन चलता है आदमी नहीं
ज़िंदगी मैं यदि कुछ नया करने की सोच रहे हो तो तरीक़ा भी नया अपनाओ पुराने तरीक़े से आप जी सकते है अच्छी ज़िंदगी जोन के लिये अच्छे विचार और अच्छा आचरण भी ज़रूरी है।
जो इंसान मंजिलों को पाने की चाहत रखता है। उसके लिए समन्दर भी कोई बड़ी बात नहीं क्योंकि वह पत्थरो से पुल बनाना जानता है
ख़ाली ज़मीन पर बैठकर क्यों आसमान मैं देखने से कुछ नहीं होगा अपने पंखो को खोलना पड़ेगा ज़माना सिर्फ उड़ान देखता है .. !!
क्या खूब कहा है किसीने, परिंदा कहता है अपने पंख खोल दो.. ज़मीन तेरी तेरी मंजिल नहीं , पूरा आसमान बाकी है अभी तो लांघा है समंदर अभी पूरी उड़ान बाकी है
हमेशा पतंग जैसे बनो जो हल्का होता है वही इस ज़िंदगी की भीड़ मैं उड़ पाता है इसलिए अपने से अहंकार को निकाल दो स्वयं को हल्का करें ताकि आपको उड़ने से कोई नयी रोक पाएगा
आपको यदि दर्द मिला कोई बात नहीं उसे गुस्से में बदल दो और गुस्से को प्रेरणा में और प्रेरणा से सफलता का रास्ता चुन ली और मंज़िल की और बढ़ो
ज़िंदगी जीने के १० प्रेरणात्मक वचन जो की आपको सही राह दिखायेंगे
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