गंगा बड़ी ना गोदावरी तीरथ बड़ा प्रयाग जिसने लिया प्रभु का नाम धाम अयोध्या है परम धाम
जिंदगी मौत तक जाती है, और मौत भी मेरे श्री राम के, चरणों में आकर झुक जाती है।
दुनिया बदल जाती है राम के दरबार मैं बिगड़ी काम बन जाते है सिया के दरबार मैं जो लेता है नाम श्रीराम का दिल से तक़दीर बदल जाती है एक पाल मैं
श्री राम जी का वंशज हूँ
गीता मेरी गाथा
सिया के बिना कुछ नहीं आता
ठोक के छाती कहता हूँ
भारत मेरी माता
रंग लाल तन मैं
प्रभु श्री राम बसे मेरे मन मैं
मेरा है दिल से प्रणाम प्रभु श्री राम की चरणो मैं ।
बोलो सियावर राम चंद्र की जय ।
जिनके मन में श्री राम
भाग्य मैं है
उनके वैकुण्ठ धाम
ले ले प्रभु का नाम
बन जाएगा बिगड़ा काम
बोलो जय श्री राम
हो गई जरासी भूल
लगाले माथे पे
प्रभु चरणों की धूल
हर जाएँगे सब पाप
यही है मेरे राम का उसूल
राम आयेंगे तो अंगना सजायेंगे गित श्रीराम का हम गायेंगे दुख पाप पल भर में हर जाएँगे बोलो सियावर राम चंद्र की जय
राम नाम की माला जपे कोई दिलवाला
बेशक पहन लो कपड़े हमारे जैसे
पर लाओगे कहा से
तेवर श्रीराम के भक्तों वाले
बोलो सियावर रामचंद्र की जय
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