loader image

10 Best Motivational Quotes By Rabindranath Tagore

जो मन की पीड़ा को स्पष्ट रूप से नहीं कह सकते, उन्ही को क्रोध अधिक आता है।” – रबीन्द्रनाथ टैगोर

जो मन की पीड़ा को स्पष्ट रूप से नहीं कह सकते, उन्ही को क्रोध अधिक आता है।” – रबीन्द्रनाथ टैगोर

Facebook
Twitter
WhatsApp
Email
Pinterest
Print
विश्वास वह पक्षी है, जो प्रभात के पूर्व अंधकार में ही प्रकाश का अनुभव करता है और गाने लगता है।” – रबीन्द्रनाथ टैगोर

विश्वास वह पक्षी है, जो प्रभात के पूर्व अंधकार में ही प्रकाश का अनुभव करता है और गाने लगता है।” 

– रबीन्द्रनाथ टैगोर

Facebook
Twitter
WhatsApp
Email
Pinterest
Print
समय परिवर्तन का धन है, परंतु घड़ी उसे केवल परिवर्तन के रूप में दिखाती है।” – रबीन्द्रनाथ टैगोर

समय परिवर्तन का धन है, परंतु घड़ी उसे केवल परिवर्तन के रूप में दिखाती है।”

 – रबीन्द्रनाथ टैगोर

Facebook
Twitter
WhatsApp
Email
Pinterest
Print
उपदेश देना सरल है, पर समाधान बताना कठिन।” – रबीन्द्रनाथ टैगोर

उपदेश देना सरल है, पर समाधान बताना कठिन।” 

– रबीन्द्रनाथ टैगोर

Facebook
Twitter
WhatsApp
Email
Pinterest
Print
मत बोलो, यह सुबह है और इसे कल के नाम के साथ खारिज मत करो। इसे एक जन्मजात बच्चे की तरह देखो, जिसका अभी कोई नाम नहीं है।” – रबीन्द्रनाथ टैगोर

मत बोलो, यह सुबह है और इसे कल के नाम के साथ खारिज मत करो। इसे एक जन्मजात बच्चे की तरह देखो, जिसका अभी कोई नाम नहीं है।” 

– रबीन्द्रनाथ टैगोर

Facebook
Twitter
WhatsApp
Email
Pinterest
Print
मन का धर्म है मनन करना, मनन में ही उसे आनंद है, मनन में बाधा प्राप्त होने से उसे पीड़ा होती है।” – रबीन्द्रनाथ टैगोर

मन का धर्म है मनन करना, मनन में ही उसे आनंद है, मनन में बाधा प्राप्त होने से उसे पीड़ा होती है।” 

– रबीन्द्रनाथ टैगोर

Facebook
Twitter
WhatsApp
Email
Pinterest
Print
कट्टरता सच को उन हाथों में सुरक्षित रखने की कोशिश करती है, जो उसे मारना चाहते हैं।” – रबीन्द्रनाथ टैगोर

कट्टरता सच को उन हाथों में सुरक्षित रखने की कोशिश करती है, जो उसे मारना चाहते हैं।” 

– रबीन्द्रनाथ टैगोर

Facebook
Twitter
WhatsApp
Email
Pinterest
Print
फूल की पंखुड़ियों को तोड़ कर आप उसकी सुंदरता को इकठ्ठा नहीं करते।” – रबीन्द्रनाथ टैगोर

फूल की पंखुड़ियों को तोड़ कर आप उसकी सुंदरता को इकठ्ठा नहीं करते।” 

– रबीन्द्रनाथ टैगोर

Facebook
Twitter
WhatsApp
Email
Pinterest
Print
सिर्फ खड़े होकर पानी देखने से आप नदी नहीं पार कर सकते।” – रबीन्द्रनाथ टैगोर

सिर्फ खड़े होकर पानी देखने से आप नदी नहीं पार कर सकते।” 

– रबीन्द्रनाथ टैगोर

Facebook
Twitter
WhatsApp
Email
Pinterest
Print
मैं सोया और स्वप्न देखा कि जीवन आनंद है। मैं जागा और देखा कि जीवन सेवा है। मैंने सेवा की और पाया कि सेवा आनंद है।” – रबीन्द्रनाथ टैगोर

मैं सोया और स्वप्न देखा कि जीवन आनंद है। मैं जागा और देखा कि जीवन सेवा है। मैंने सेवा की और पाया कि सेवा आनंद है।” 

– रबीन्द्रनाथ टैगोर

Facebook
Twitter
WhatsApp
Email
Pinterest
Print

Leave feedback about this

  • Rating
Scroll to Top