आओ झुक कर सलाम करे उनको. जिनके हिस्से में ये मुकाम आता है. खुशनसीब होता है वो खून. जो देश के काम आता है.
क्यों मरते हो यारो सनम के लिए… ना देगी दुपट्टा कफ़न के लिए… मरना है तो मरो “वतन” के लिए “तिरंगा” तो मिले कफन के लिए.
दे सलामी इस तिरंगे को जिस से तेरी शान हैं, सर हमेशा ऊँचा रखना इसका जब तक दिल में जान हैं.
जिसका ताज हिमालय है, जहां बहती है गंगा, जहां अनेकता में एकता है, सत्यमेव जयते जहाँ नारा है, वह भारत देश हमारा है।
चलो फिर से वो नजारा याद कर लें, शहीदों के दिल में थी जो ज्वाला वो याद कर लें, जिसमें बहकर आजादी पहुंची थी किनारे पर, बलिदानियों के खून की वो धारा याद कर लें।
जब तुम शहीद हुए थे
तो ना जाने कैसे तुम्हारी माँ सोई होगी
एक बात तो तय है
तुम्हे लगने वाली गोली भी सौ बार रोई होगी
हम हिंदुस्तानी का एक दिल हैं एक ही हमारी जान, हिंदुस्तान हमारा सबका है हम सब इसकी शान, आये वतन पे आँच जान लुटा देंगे हो जायेंगे कुर्बान, इसलिए हम सब कहते हैं एक साथ मेरा भारत महान।
खुशनसीव वतन पे मिटने वाले , मर कर भी वो अमर हो जाते हैं, करता हूँ सलाम तुम्हे ऐ वतन पर मिटने वालो आपको दिल से सैल्यूट जय हिन्द…
दोस्तों ज़माने मैं है आशिक कई , मगर वतन से अच्छी कोई सनम नहीं , नोट लिपटे , सोने में सिमटकर मरे हे कई , मगर तिरंगे से खूबसूरत कोई कफ़न नहीं, जो आये देश के काम उनका न भूलेंगे जैम नाम
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