यारो पहले जैसा रंग कहा , जीवन की रंगोली मैं , जाने कितना ज़हर भरा है लोगो की मीठी बोली मैं
दोस्तों अगर ज़िन्दगी मैं चुप कराने वाला कोई नही हो तो हालात मुस्कुराना सीखा देते है
दोस्तों ख़ुशिया तो पराई है जो की बाटी जाती है दर्द तो अपना है मेरे दोस्तों अकेले ही दिल मैं रखके सहना पड़ता है।
दोस्तों मन मैं यदी कैककी आई तो समझ जाना मंथरा कान भर गईं
मेहनत करो मेरे भाई लोग जब बदल सकते है तो क़िस्मत क्या चीज़ है एक दिन तो बदल जाएगी बस हिम्मत मत हारना एक दिन सिख जाओगे समन्दर मैं तैरना।
चाय गिरे या चरित्र आख़िर दाग तो लग ही जाता है आदमी हो या औरत प्यार तो हो ही जाता है
धोखा तो शुद्ध घी जैसा मिलता है। बाक़ी तो सब मिलावट है मेरे भाई बस यही है सही
भाई तू मान या ना मान हम तो है कुछ दिन के मेहमान ज़िले ख़ुशियों से इस पल को क्या पता हम ना मिले कल को
दोस्तों चिंता उतनी ही करो जिसे हमारा काम हो जाये इतनी भी ना करो की ज़िंदगी तमाम हो जाये
क्या खूब कहा है किसीने घमंड क्यों करते हो यारो अपने चार दिन के ठाठ पे नहीं रहेगी ये मुट्ठी भी जब चार लोग ले जाएँगे हमे घाट पर
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